हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान दीपक लगाने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और हमारी परेशानी दूर करते हैं। बिना दीपक के कोई भी पूजा पूरी नहीं होती।
जिस घर में प्रतिदिन भगवान के सामने दीपक लगाया जाता है, वहां पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है और सुख-समृद्धि का वास रहता है। दीपक को पॉजिटिव एनर्जी का प्रतीक माना गया है।
अलग-अलग इच्छाओं की पूर्ति के लिए दीपक में अलग-अलग तेल डाले जाते हैं जैसे सरसों का तेल, तिल का तेल आदि। भगवान की पूजा में हमेशा शुद्ध घी का दीपक जलाया जाता है।
दीपक जलाते समय एक मंत्र बोला जाता है, इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं। ये है वो मंत्र- शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।
कई बार पूजा के दौरान लगाया गया दीपक अचानक बूझ जाता है। शकुन शास्त्र में इसे अपशकुन माना गया है। ऐसा होने भविष्य में आने वाली मुसीबतों का संकेत होता है।
पूजा के दौरान दीपक के बूझने से कई बार लोग आने वाली मुसीबतों के बारे में सोचकर घबराने लगते हैं। ऐसा न करें और भगवान पर भरोसा रखकर अपने मन को शांत करें।
दीपक बूझ जाए तो घबराएं नहीं और उसे पुन: जला दें। इसके बाद भगवान से अशुभ फलों से बचने के लिए प्रार्थना करें। इस तरह आप इस अपशकुन के अशुभ फल से बच सकते हैं।