आचार्य चाणक्य ने लाइफ मैनेजमेंट में 3 ऐसी बातों का वर्णन किया है जो हमारे लिए दुख का कारण बन सकती है। इनसे पर्याप्त दूरी बनाकर रखना चाहिए। आगे जानें इन 3 के बारे में…
अत्यासन्ना विनाशाय दूरस्था न फलप्रदा:,
सेवितव्यं मध्याभागेन राजा बहिर्गुरू: स्त्रियं:
अर्थ- शक्तिशाली व्यक्ति, आग और स्त्री तीनों से ही संतुलित व्यवहार करना चाहिए।
ऐसे लोग जो पद, धन आदि में आपसे बहुत अधिक शक्तिशाली हों, उनसे पर्याप्त दूरी बनाकर रखें क्योंकि इनके ज्यादा निकट जाना भी हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है।
अग्नि के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है, लेकिन जब ये बहुत ज्यादा करीब होती है तो जीवन भी ले लेती है। इसलिए अग्नि के अधिक निकट न जाएं और दूरी बनाकर रखें।
पत्नी के अलावा किसी अन्य स्त्री से नजदीकी बढ़ाना बर्बादी का कारण बन सकती है। इससे समाज में भी हमारा प्रभाव खराब होता है। इसलिए पत्नी के अलावा दूसरी स्त्रियों से दूर रहें।