इस बार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 19 मई, शुक्रवार को है। इस दिन कुछ खास करने की मनाही है, वहीं कुछ खास काम करना शुभ माना गया है। आगे जानिए इस अमावस्या पर क्या करें-क्या नहीं…
ज्येष्ठ अमावस्या पर तामसिक भोजन यानी लहसुन-प्याज और मांसाहार से दूर रहें। किसी भी तरह का नशा न करें। ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। इन सभी बातों का विशेष रूप से पालन करें।
ज्येष्ठ अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है, ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर नहाने से पुण्य फल प्राप्त हो सकता है।
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर शनि जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन शनिदेव का अभिषेक सरसों के तेल से करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर जरूरतमंदों को दान देने की परंपरा भी है। इस दिन जितना संभव हो सके गरीबों को भोजन, कपड़े, अनाज का दान देना चाहिए। इससे शुभ फल मिलते हैं।
ज्येष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत भी किया जाता है। इस दिन वट वृक्ष पर जल चढ़ाएं। साथ ही 108 परिक्रमा भी करें। इससे दरिद्रता मिटती है साथ ही पितरों की कृपा भी मिलती है।