भारतीय क्रिकेट टीम के कईं खिलाड़ी शकुन-अपशकुन और टोटकों पर विश्वास करते हैं। कोई जेब में फोटो रखता है तो कोई खास नंबर की जर्सी पहनता है। जानें इन खिलाड़ियों के बारे में…
भारत को 1983 में विश्व विजेता बनाने वाले कपिल देव बल्लेबाजी करने से पहले बाएं पैर का पैड पहले पहनते थे। साथ ही वे मैदान में पहले दाया पैर रखते थे। इसे वे अपने लिए लकी मानते थे।
कलाई का जादूगर कहे जाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन मैदान पर उतरने से पहले एक खास काला ताबीज पहनते थे, जो खेलते समय कमीज के बाहर दिखाई भी देता था।
1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य मोहिंदर अमरनाथ अपनी जेब में लाल रूमाल रखते थे, जिसका एक हिस्सा बाहर से दिखाई देता था। वे मानते थे, इससे वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी हमेशा 7 नंबर की जर्सी पहनते थे। धोनी नंबर 7 को अपने लिए लकी मानते हैं। खास बात ये है कि इनका जन्मदिन भी 7 जुलाई को ही आता है।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी शकुन-अपशकुन में विश्वास रखते हैं। सचिन हमेशा अपना बायां पैड पहले बांधते थे। सचिन को लगता है कि ऐसा करना उनके लकी है।
भारतीय टीम में दादा के नाम से मशहूर सौरभ गांगुली मैदान पर उतरने से पहले जेब में अपने गुरुदेव की फोटो रखते थे। वे अपनी अंगूठी और माला को भी शुभ मानकर पहनते थे।
विराट कोहली टीम में आए तो वे हमेशा अपने खास हैंडग्लोब्स पहनकर ही मैदान पर उतरते थे। इसे वे अपने लिए लकी मानते थे। लेकिन खराब होने पर कोहली को वो हैंडग्लोब्स बदलने पड़े।
साल 2011 में हुए वर्ल्ड कप के पहले मैच में बांग्लादेश के खिलाफ वीरेंद्र सहवाग बगैर नंबरवाली शर्ट पहन कर खेले थे और इस मैच में सहवाग ने 175 रन बनाये थे। ये एक टोटका था।
2007 के टी20 वर्ल्ड कप में 6 छक्के मारने युवराज सिंह भी टोटकों में यकीन रखते थे। वे हमेशा 12 नंबर की जर्सी पहनते थे। ये उनका लकी नंबर था। उनका जन्मदिन 12 दिसंबर को है।
क्रिकेटर जहीर खान को एक समय दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज कहा जाता था। वे मैदान पर उतरने से पहले पीला रुमाल अपनी जेब में रखते थे। ये उनका लकी चार्म था।