8 अप्रैल, सोमवार को साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण होगा। अन्य धर्मों की तरह इस्लाम में भी सूर्य ग्रहण के बारे में कईं मान्यताएं और परंपराएं हैं। आगे जानिए इनके बारे में…
अन्य धर्मों की तरह इस्लाम में भी सूर्य ग्रहण को अशुभ माना गया है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के दिन ही पैगंबर साहब के बेटे की मौत हुई थी, हालांकि इन दोनों का कोई सीधा संबंध नहीं था।
इस्लाम के अनुसार, जब भी कभी सूर्य ग्रहण हो तो इसके बाद लोगों को मस्जिद में जाकर नमाज जरूर पढ़नी चाहिए और अल्लाह के सामने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए।
इस्लाम में वैसे तो रोज 5 वक्त तय समय पर नमाज पढ़ी जाती है, लेकिन सूर्य ग्रहण के बाद एक खास नमाज पढ़ने की परंपरा भी है, जिसे नमाज़-ए-खुसूफ कहा जाता है।
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, ये खगोलीय घटनाएं जब भी हो तो इसके बाद नमाज जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इससे हमारे ऊपर इसका बुरा असर नही होता।
8 अप्रैल, सोमवार को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। ये सूर्य ग्रहण कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, जमाइका, नॉर्वे, पनामा आदि देशों में दिखाई देगा।
भारतीय समय के अनुसार, 8 अप्रैल, सोमवार को होने वाला सूर्य ग्रहण रात 10.08 से शुरू होगा, जो देर रात 01.25 पर समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 17 मिनिट की रहेगी।