18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी दौरे के दौरान स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन किया। इस मंदिर से कईं खास बातें जुड़ी हैं। जानें स्वर्वेद मंदिर के बारे में…
उमराहा में बना स्वर्वेद मंदिर काफी खास है। ये मंदिर 3 लाख स्कवेयर फीट में फैला हुआ है और 7 मंजिला है। इसके गुंबद को 125 पंखुड़ियों वाले कमल का स्वरूप दिया गया है, जो काफी सुंदर है।
स्वर्वेद मंदिर को बनाने में मकराना के मार्बल और लाल पत्थर का इस्तेमाल किया गाय है। यहां लगाए गए मकराना मार्बल पर स्वर्वेद के 3137 छंद उकेरे गए हैं।
स्वर्वेद मंदिर में एक खास बगीचा भी बनाया गया है, जिसमें औषधिय गुणों वाली जड़ी-बूटियां लगाई गई हैं। मंदिर में 101 फव्वारे भी हैं, जो इसकी सुदंरता और भी बढ़ाते हैं।
स्वर्वेद मंदिर की आधारशिला सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत परिवार विज्ञान देव ने साल 2004 में रखी थी, तभी से इसका निर्माण कार्य जारी है।
स्वर्वेद मंदिर को बनने में लगभग 19 साल का समय लगा है। इसके निर्माण में 15 इंजीनियर और 600 कर्मचारी लगातार काम में लगे रहे, तब कहीं जाकर ये कार्य पूरा हुआ।
स्वर्वेद मंदिर में देवजी महाराज की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। इनका जन्म 10वीं सदी में हुआ था। इन्होंने ही स्वर्वेद की रचना की है।
स्वर्वेद मंदिर दुनिया के सबसे बड़ा ध्यान केंद्र यानी मेडिटेशन सेंटर बनेगा। यहां 20 हजार लोग एक साथ बैठकर मेडिटेशन कर पाएंगे।