Hindi

पिता की मृत्यु के बाद पुत्र को ‘पगड़ी’ क्यों बांधी जाती है?

Hindi

मृत्यु के बाद होती है पगड़ी रस्म

हिंदू धर्म में जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो 13 दिनों तक उसके पुत्र द्वारा कईं परंपरा निभाई जाती हैं। पगड़ी रस्म भी इनमें से एक है। कम ही लोग इसके पीछे का कारण जानते हैं।

Image credits: Adobe Stock
Hindi

कब होती है पगड़ी रस्म?

जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो 13वें दिन उसकी आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-पाठ व भोजन आदि करवाया जाता है। इसी दौरान पगड़ी रस्म भी पूरी की जाती है।

Image credits: Adobe Stock
Hindi

किसे बांधते हैं पगड़ी?

पिता की मृत्यु होने पर पुत्र को पगड़ी बांधने की परंपरा है। अगर पुत्र एक से ज्यादा हो तो सबसे बड़े पुत्र को पगड़ी बांधी जाती है। पुत्र न हो तो दाह संस्कार करने वाले को पगड़ी बांधते हैं।

Image credits: Adobe Stock
Hindi

कौन बांधता है पगड़ी?

मृत्यु के 13वें आयोजित कार्यक्रम के दौरान दाह संस्कार करने वाले को उसके मामा या ससुराल पक्ष के लोग पगड़ी बांधते हैं। अन्य लोग भी पगड़ी बांधते हैं, लेकिन मुख्य यही होती है।

Image credits: Adobe Stock
Hindi

क्यों बांधते हैं पगड़ी?

जब परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाती है तो 13वें दिन आयोजित कार्यक्रम में नई मुखिया के रूप में उसके पुत्र को पगड़ी बांधी जाती है। ये एक तरह से राज्याभिषेक की तरह होता है।

Image credits: Adobe Stock
Hindi

पगड़ी का अर्थ जिम्मेदारी

पिता की मृत्यु के बाद जब पुत्र को पगड़ी बांधी जाती है तो इसका अर्थ ये होता है कि अब परिवार चलाने की जिम्मेदारी आपकी है। परिवार से संबंधित हर फैसला अब आपको लेना है।

Image credits: Adobe Stock

Vivah Muhurat 2023: इस साल में शादी के सिर्फ 12 मुहूर्त, नोट करें डेट

Khatu Shyam Birthday Date 2023: कब है भगवान खाटू श्याम का जन्मदिन?

उत्तर प्रदेश में ‘हलाल’ प्रोडक्ट्स बैन, जानें क्या है इस शब्द का अर्थ?

Team India के खिलाड़ियों का धार्मिक अवतार देख आप भी कहेंगे ‘जय महाकाल’