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7 फेरों के बाद दूल्हा-दुल्हन को क्यों दिखाते हैं ध्रुव तारा?

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हिंदू धर्म में कितने संस्कार होते हैं?

हिंदू धर्म में विवाह सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि एक पवित्र बंधन है। इसलिए इसे 16 संस्कारों में सबसे प्रमुख माना गया है। विवाह के दौरान अनेक परंपराओं का पालन किया जाता है।

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फेरों के बाद दूल्हा-दुल्हन को क्या दिखाते हैं?

अनेक स्थानों पर शादी में फेरों के बाद दूल्हा-दुल्हन को ध्रुव तारा दिखाया जाता है। इस परंपरा के पीछे भी एक मनोवैज्ञानिक कारण छिपा है, जिसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है।

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दूल्हा-दुल्हन को क्यों दिखाते हैं ध्रुव तारा?

फेरों के बाद दुल्हा-दुल्हन को ध्रुव तारा दिखाते हैं और कहा जाता है कि ये ध्रुव तारा आपके विवाह का साक्षी है। संसार रहे या न रहे लेकिन ध्रुव तारा अंतरिक्ष में हमेशा इसी तरह रहेगा।

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किस बात का प्रतीक है ध्रुव तारा?

दरअसल ध्रुव तारा स्थिरता का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि जिस तरह ध्रुव तारा अपने स्थान पर स्थिर है, उसी तरह दूल्हा-दुल्हन का प्रेम भी हमेशा इसी तरह से स्थिर रहे।

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ध्रुव तारे का जीवन पर क्या प्रभाव होता है?

ध्रुव तारे को शुक्र तारा भी कहते हैं। शुक्र तारे के शुभ प्रभाव से ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यही आशा की जाती है कि नवविवाहित जोड़े का जीवन खुशियों से भरा रहे।

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ध्रुव तारा ही क्यों दिखाते हैं दूल्हा-दुल्हन को?

दूल्हा-दुल्हन को ध्रुव तारा इसलिए दिखाते हैं ताकि उन्हें इस बात का स्मरण रहे कि वैवाहिक जीवन में होने वाली मुश्किलों के बाद भी उनका जीवन एक-दूसरे के प्रति समर्पित है।

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