आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में स्थापित की जा रही है। शंकराचार्य कौन थे और उन्होंने अपने जीवनकाल में क्या-क्या किया, आगे जानिए…
आदि गुरु शंकराचार्य भारत के महान विद्वान थे। उनका जन्म केरल के कालपी नामक गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता शिवगुरु नामपुद्र और माता का नाम विशिष्ठा देवी था।
आदि गुरु शंकराचार्य ने 8 वर्ष की उम्र में सभी वेद पढ़ लिए और 12 वर्ष की आयु में सभी शास्त्रों में पारंगत हो गए। इसके बाद वे हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के भारत भ्रमण पर निकल गए।
आदि शंकराचार्य ने ही देश में चार मठ बनाए। इनके नाम हैं- श्रृंगेरी मठ, गोवर्धन मठ, शारदा मठ और ज्योतिर्मठ। वर्तमान में संचालित सभी 13 अखाड़े इन्हीं मठों के अंतर्गत आते हैं।
आदि गुरु शंकराचार्य ने अनेक मंदिर बनवाएं और कईं मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया। इनकी विद्वता से प्रभावित होकर लोग इन्हें भगवान शिव का अवतार मानने लगे।
आदि गुरु शंकराचार्य ने 32 वर्ष की आयु में शरीर त्याग दिया। इनकी समाधि केदारनाथ में है। जब केदारनाथ को आम लोगों के लिए खोला जाता है तो यहां भी भक्तों का तांता लगा रहता है।