वास्तु शास्त्र में रसोई को घर की ऊर्जा का केंद्र माना गया है। भोजन बनाने की प्रक्रिया और उसके तरीके हमारे जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
खासतौर पर रोटी बेलने की विधि भी वास्तु से जुड़ी होती है। कुछ लोग चकले पर रोटी बेलते हैं, तो कुछ सीधा स्लैब पर। लेकिन क्या वास्तु के अनुसार स्लैब पर रोटी बेलना शुभ है? जानिए
चकला और बेलन को राहु-केतु से जुड़ा माना गया है। वास्तु अनुसार, इनके सही तरीके से उपयोग से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, जबकि गलत तरीके से उपयोग से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
वास्तु में बिना चकले के रोटी बेलना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से धन हानि, गृह कलह और राहु-केतु का दुष्प्रभाव बढ़ सकता है। यह अन्नपूर्णा माता की कृपा में भी बाधा डाल सकता है।
अगर आप स्लैब पर रोटी बेल रहे हैं, तो उसकी सफाई बेहद जरूरी है। गंदा या अस्वच्छ स्लैब नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित कर सकता है, जिससे घर में अशांति, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
रोटी बेलते समय व्यक्ति का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है और भोजन को अधिक शुभ व पोषक बनाती है। गलत दिशा से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
वास्तु में लकड़ी या मिट्टी से बने चकले को अधिक शुभ माना गया है। पत्थर के चकले या सीधा स्लैब पर रोटी बेलने से सकारात्मक ऊर्जा कम हो सकती है और नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है।
यदि आपको मजबूरी में स्लैब पर रोटी बेलनी पड़े, तो कुछ आसान उपाय अपनाकर वास्तु दोष कम किया जा सकता है, जैसे- तांबे का सिक्का रखना, हल्दी का छिड़काव करना या वहां रोजाना दीपक जलाना।
रसोई में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है। इससे भोजन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर में बरकत होती है।