वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज जब भी कहीं जाते हैं तो उनके साथ कईं शिष्य भी होते हैं। उनमें से एक शिष्य ऐसे भी हैं जो आर्मी की नौकरी छोड़ संत बने हैं। जानें कौन हैं वो शिष्य…
प्रेमानंद महाराज के प्रमुख शिष्यों में से एक हैं नवल नागरी बाबा, जो हर जगह साए की तरह उनके साथ रहते हैं। बाबा के राधा केलिकुंज आश्रम की व्यवस्थाएं भी यही संभालते हैं।
बाबा नवल नागरी का असली नाम क्या है, ये किसी को नहीं पता। कहीं भी इसकी जानकारी नहीं मिलती है। इतना जरूर पता है कि वे मूल रूप से पंजाब के पठान कोट के रहने वाले हैं।
बाबा नवल नागरी के पिता आर्मी में अधिकारी थे। उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए बाबा नवल नागरी ने भी आर्मी ज्वाइन की और देश सेवा को ही अपना एकमात्र लक्ष्य बनाया।
2017 में प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सुन नवल नागरी महाराज एक बार वृंदावन आए। बाबा से प्रेरित होकर उन्होंने आर्मी की नौकरी छोड़ दी और संन्यासी बन गए। तब से वे यहीं पर हैं।
नवल नागरी बाबा जब संत बन गए तो परिवालों ने उन्हें वापस गृहस्थ धर्म में आने के बहुत बार आग्रह किया, लेकिन प्रेमानंद बाबा की कृपा से उनके फैसले में कोई परिवर्तन नहीं आया।