कौन थे रावण के माता-पिता और दादा-दादी? जानें फैमिली हिस्ट्री
Spiritual Oct 05 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:adobe stock
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कब है दशहरा 2024?
हर साल आश्विन शुक्ल दशमी तिथि पर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन रावण के पुतलों का दहन किया जाता है।
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राक्षस नहीं ब्राह्मण था रावण
रावण के बारे में अधिकांश लोग यही जानते हैं कि वो राक्षस जाति का था, लेकिन ये बात सही नहीं है। रावण के परिवार का संबंध सीधे ब्रह्मदेव से था। इसलिए रावण राक्षस न होकर ब्राह्मण था।
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ब्रह्मा के कुल में हुआ था रावण का जन्म
ग्रंथों में ब्रह्मदेव के 10 मानस पुत्र बताए गए हैं। इनमें से महर्षि पुलस्त्य भी एक हैं। ये प्रथम मन्वंतर के सप्तऋषियों में से एक भी हैं। महर्षि पुलस्त्य महान तपस्वी थे।
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महर्षि पुलस्त्य थे रावण का दादा
महर्षि पुलस्त्य का विवाह हविर्भू नाम की स्त्री से हुआ। इनके दो पुत्र हैं- ऋषि विश्रवा और महर्षि अगस्त्य। ये दोनों ही महान तपस्वी थे। इनके बारे में पुराणों में विस्तार से लिखा है।
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ये थे रावण के माता-पिता
ऋषि विश्रवा के दो विवाह हुए थे, इनका एक विवाह राक्षस सुमाली की पुत्री कैकसी से हुआ था। इनके 3 पुत्र और 1 पुत्री हुई- रावण, कुंभकर्ण और विभीषण। इनकी पुत्री का नाम शूर्पणखा था।
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शास्त्रों का ज्ञाता था रावण
इस तरह महर्षि पुलस्त्य रावण के पितामाह यानी दादा थे। यही वजह है कि रावण को राक्षस नहीं बल्कि ब्राह्मण कहा जाता है। रावण शास्त्रों का ज्ञाता था। उसने कईं ग्रंथों की रचना भी की।
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रावण कैसे बना राक्षसों का राजा?
रावण का पालन पोषण माता कैकसी और नाना सुमाली ने किया। उनके साथ रहते-रहते रावण की प्रवृत्ति भी राक्षसी हो गई और अपने बल-पराक्रम से वह राक्षसों का राजा बन गया।