कौन थे रावण के माता-पिता और दादा-दादी? जानें फैमिली हिस्ट्री
Hindi

कौन थे रावण के माता-पिता और दादा-दादी? जानें फैमिली हिस्ट्री

कब है दशहरा 2024?
Hindi

कब है दशहरा 2024?

हर साल आश्विन शुक्ल दशमी तिथि पर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन रावण के पुतलों का दहन किया जाता है।

Image credits: adobe stock
राक्षस नहीं ब्राह्मण था रावण
Hindi

राक्षस नहीं ब्राह्मण था रावण

रावण के बारे में अधिकांश लोग यही जानते हैं कि वो राक्षस जाति का था, लेकिन ये बात सही नहीं है। रावण के परिवार का संबंध सीधे ब्रह्मदेव से था। इसलिए रावण राक्षस न होकर ब्राह्मण था।

Image credits: adobe stock
ब्रह्मा के कुल में हुआ था रावण का जन्म
Hindi

ब्रह्मा के कुल में हुआ था रावण का जन्म

ग्रंथों में ब्रह्मदेव के 10 मानस पुत्र बताए गए हैं। इनमें से महर्षि पुलस्त्य भी एक हैं। ये प्रथम मन्वंतर के सप्तऋषियों में से एक भी हैं। महर्षि पुलस्त्य महान तपस्वी थे।

Image credits: adobe stock
Hindi

महर्षि पुलस्त्य थे रावण का दादा

महर्षि पुलस्त्य का विवाह हविर्भू नाम की स्त्री से हुआ। इनके दो पुत्र हैं- ऋषि विश्रवा और महर्षि अगस्त्य। ये दोनों ही महान तपस्वी थे। इनके बारे में पुराणों में विस्तार से लिखा है।

Image credits: adobe stock
Hindi

ये थे रावण के माता-पिता

ऋषि विश्रवा के दो विवाह हुए थे, इनका एक विवाह राक्षस सुमाली की पुत्री कैकसी से हुआ था। इनके 3 पुत्र और 1 पुत्री हुई- रावण, कुंभकर्ण और विभीषण। इनकी पुत्री का नाम शूर्पणखा था।

Image credits: adobe stock
Hindi

शास्त्रों का ज्ञाता था रावण

इस तरह महर्षि पुलस्त्य रावण के पितामाह यानी दादा थे। यही वजह है कि रावण को राक्षस नहीं बल्कि ब्राह्मण कहा जाता है। रावण शास्त्रों का ज्ञाता था। उसने कईं ग्रंथों की रचना भी की।

Image credits: adobe stock
Hindi

रावण कैसे बना राक्षसों का राजा?

रावण का पालन पोषण माता कैकसी और नाना सुमाली ने किया। उनके साथ रहते-रहते रावण की प्रवृत्ति भी राक्षसी हो गई और अपने बल-पराक्रम से वह राक्षसों का राजा बन गया।

Image credits: adobe stock

Chankya Niti: कौन अपना-कौन पराया? इन 6 मौकों पर होती है पहचान

Navratri 2024 Upay: इच्छा पूर्ति के लिए पीपल के पत्ते का सरल उपाय

पुरुष किन 4 कामों में नहीं कर सकते महिलाओं की बराबरी? बता गए चाणक्य

अगर नवरात्रि में आप भी जलाते हैं अखंड ज्योत तो रखें 5 बातों का ध्यान