20 अप्रैल को साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण होगा, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा। इस दिन सूर्यग्रहण के 3 अलग-अलग रूप दिखाई देंगे, जिसके चलते इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहा जा रहा है।
खगोल शास्त्रियों के अनुसार, 20 अप्रैल को कुछ देशों में खग्रास सूर्य ग्रहण दिखेगा। कुछ देशों में वलयाकार और कहीं आंशिक ग्रहण होगा। इस तरह के ग्रहण को हाईब्रिड सूर्यग्रहण कहते हैं।
खगोलविदों के अनुसार, इस सदी में 224 सूर्यग्रहण होंगे। इनमें से सिर्फ 7 सूर्य ग्रहण ही हाइब्रिड होंगे। इसलिए इसे दुर्लभ सूर्यग्रहण कहा जाता है। इसे संकर सूर्य ग्रहण भी कहते हैं।
पिछला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 10 साल पहले 3 नवंबर 2013 को हुआ था। और अगला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 15 नवंबर 2031 को होगा यानी आठ साल बाद। इसलिए इस ग्रहण का दुर्लभ माना गया है।
सूर्यग्रहण पश्चिम ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी गोलार्द्ध, इंडोनेशिया आदि देशों में दिखाई देगा। इनके अलावा पूर्वी तिमोर, एक्समोथ पेनिन्सुला आदि देशों में कुछ देर के लिए ये ग्रहण दिखाई देगा।
भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल की सुबह 07.05 से शुरू होकर 12.29 पर समाप्त होगा। अलग-अलग देशों में सूर्योदय के अनुसार, इसके समय में परिवर्तन देखने को मिलेगा।