बिहार में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। इससे साफ हो गया है कि उनको फिर से उपमुख्यमंत्री बनाया जा रहा है।
सम्राट चौधरी ओबीसी में कुशवाहा समुदाय से आते हैं। बिहार में यादवों के बाद सबसे ज्यादा जाति कुशवाहा ही है। ऐसे में सम्राट को डिप्टी सीएम बनाकर बीजेपी इस वर्ग को साधना चाहती है।
यूपी में करीब 40% प्रतिशत वोटर OBC से हैं। वहीं सम्राट का प्रभाव बिहार से सीमावर्ती इलाकों के जरिए यूपी में फैल सकता है। यानि पूर्वांचल गोरखपुर, देवरिया जैसे इलाकों में फायदा होगा।
सम्राट चौधरी का परिवार दशकों से बिहार की राजनीति में रहा है। उनके पिता शकुनी चौधरी 7 बार विधायक और सांसद रह चुके हैं। मां पार्वती देवी भी विधायक रह चुकी हैं।
सम्राट को बिहार की राजनीति का लंबा अनुभव है। वह राजद, जदयू से निकलकर भाजपा में पहुंचे, तो सभी दलों की नब्ज जानते हैं। वह लालू से लेकर नीतीश राज में मंत्री रह चुके हैं।
सम्राट चौधरी बिहार भाजपा में सबसे तेजरर्रार नेता माने जाते हैं। वह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सबसे बड़ी बात उनकी गिनती अमित शाह के करीबी नेताओं में होती है।
सम्राट चौधरी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पैतृक सीट तारापुर से 1,22,480 वोटों से शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने आरजेडी के अरुण कुमार को बड़े अंतर से हराया।
16 नवंबर 1968 को मुंगेर जिले के लखनपुर गांव में जन्में सम्राट चौधरी ने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट.) तक पढ़ाई का उल्लेख किया है। लेकिन उनकी शिक्षा को लेकर कई तरह के विवाद हैं।