यहां भाई दूज पर बहनें देती हैं भाई को ऐसा श्राप, कैसी है ये परंपरा
Chhattisgarh Nov 14 2023
Author: Yatish Srivastava Image Credits:social media
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भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है भाई दूज का पर्व
देश भर में दिवाली के बाद मनाया जाने वाला भाई दूज का पर्व बहन भाई के पर्व का प्रतीक है।
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छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में भाई दूज की ये अनोखी परंपरा
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक विशेष समुदाय में भाई दूज पर बहनें भाई को मरने का श्राप देती हैं। इसके बाद अपनी जीभ पर कांटे भी चुभोती हैं। सैकड़ों वर्ष से ये परंपरा चली आ रही है।
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श्राप देने फिर जीभ पर कांटा चुभोकर प्रायश्चित करने के पीछे ये वजह
श्राप देने एवं जीभ पर कांटा चुभा कर प्रायश्चित करने के पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से भाई-बहन का प्रेम अटूट बना रहे। बाद में बहनें तिलक लगाकर भाई की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
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परंपरा के पीछे यमराज की ये कहानी प्रचलित
एक बार यमराज ऐसे व्यक्ति के प्राण लेने आए थे जिसकी बहन ने भाई को कभी भलाबुरा न कहा हो और न श्राप दिया हो। यमराज एक व्यक्ति ऐसा मिला और वह उसके प्राण हरने की योजना बना रहे थे।
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बहन ने यमराज से बचा लिए थे भाई के प्राण
बहन को पता चला तो उसने भाई को गालियां दी और मरने का श्राप दिया। इस पर यमराज उसके प्राण नहीं ले जा सके। फिर बहन ने जीभ पर कांटे चुभो कर खुद को सजा दी। तब से ये प्रथा चली आ रही।
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देश भर में मनाया जाता है भाईदूज का ये पर्व
देश भर में भाई दूज का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बहनें तिलक लगाकर भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं।