ड्राई आइस चर्चा में बनी हुई है, वही ड्राई आइस जिसे गुरूग्राम के रोस्टेरेंट में 5 लोगों ने माउथ फ़्रेशनर के तौर पर खाया था। जिसे खाने के बाद से लोगों के मुंह से खून निकलने लगा था।
दरअसल, यह मामला 2 मार्च का है, अब इस मामले में FIR की गई है। रोस्टोरेंट मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है। ड्राई आइस से पांच लोगों की हालत बिगड़ी है वो अस्पतला में भर्ती हैं।
डॉक्टर राजीव गुप्ता का कहना है कि ड्राई आइस को हम सूखी बर्फ़ भी कहते हैं। जो कि कॉर्बन डाइऑक्साइड का ठोस रूप होती है। जिसे न्यूनतम तापमान क़रीब -78 डिग्री सेल्सियस में रखते हैं।
डॉक्टर ने बताया कि वैते सो ड्राई आइस सुरक्षित होती है, लेकिन उसका तापमान कम होने की वजह से अगर ये त्वचा के संपर्क में आती है तो ठंड की वजह से त्वचा जलने लगती है।
मैक्स अस्पताल डॉक्टर आशुतोष शुक्ला ने बताया सामान्य बर्फ पिघलती है तो पानी बन जाती है। लेकिन ड्राई आइस जब पिघलती है तो वो पानी बनने की बजाए सीधा गैस बनती है। जो खतरनाक हो सकती है।
वहूं दूसरे डॉक्टर सचिन का कहना है कि ड्राई आइस इतनी ठंडी होती है कि पेट में जाते ही वो छेद तक कर सकती है। जिससे मौत तक हो सकती है। अगर फेफड़ों तक पहुंच जाए तो जानलेवा हो सकती है।
यह इतनी खतरनाक होती है कि इसे बिना दस्ताने के छूना मना है। आजकल यह दूल्हा-दुल्हन के वेलकम में फॉग में इसका इस्तेमाल होता है।
इसका इस्तेमाल कूलिंग एजेंट से लेकर मेडिकल औक फूड इंडस्ट्री तक हो रहा है। वहीं इसके अलावा फोटोशूट और थियेटर में भी इसका इस्तेमाल होता है।