बीएसएफ के जवान आनंद प्रकाश अब इस दुनिया में नहीं रहे। 55 साल के आनंद ने 55 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ी, लेकिन आखिर में उनकी सांसे टूट गईं।
राजस्थान के बाडमेर में तैनात आनंद का 55 दिन से जोधपुर के एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था। एक सांड ने उन्हें उठाकर जमीन पर पटक दिया था। तब से वह घायल थे।
आनंद ने अपने दो बेटों की शादी करना था, इसलिए रिटायरमेंट के लिए अर्जी दे रखी थी। जल्द ही उनकी अर्जी मंजूर होने वाली थी। लेकिन अब वह दुनिया को अलविदा कह गए।
पिता ने बच्चों से कहा था कि अब वह रिटायर होना चाहते हैं और परिवार के साथ वक्त बिताना चाहते हैं , लेकिन ईश्वर ने परिवार से उनके पिता को हमेशा के लिए छीन लिया।
जब शनिवार को आनंद का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ उनके घर पहुंचा। तो पूरे इलाके में मातम छा गया। हर किसी की आंखें नम दिखाई दीं। अंतिम दर्शनों के लिए लोग खड़े थे।
राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित उनके गांव में सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई है। पूरे गांव में गम का माहौल है।