क्या आपने कभी बिना पिता के नाम लिखे आधार, पैन या पासपोर्ट बनवाया है? शायद नहीं, लेकिन एक शख्स ने ऐसा करके इतिहास रच दिया है। जानिए इस ऐतिहासिक फैसले का कारण और इसके पीछे की कहानी।
बेंगलुरु के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने मानवाधिकार कार्यकर्ता अक्काई पद्मशाली के बेटे एविन अक्काई पद्मशाली का पासपोर्ट पिता के नाम के बिना जारी कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
यह पहली बार है, जब किसी ट्रांसजेंडर महिला का नाम अभिभावक के रूप में पासपोर्ट पर दर्ज किया गया है। ट्रांसजेंडर अधिकारों के संघर्ष में इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
लंबे समय से ट्रांसजेंडर और LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों की मुखर आवाज रहीं अक्काई पद्मशाली हाल ही में अपने ट्रांसजेंडर पति वासुदेव वी से तलाक लेकर दत्तक पुत्र एविन की अभिभावक बनीं।
इस असाधारण फैसले पर अक्काई ने खुशी और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय एक अकेली, तलाकशुदा, ट्रांसजेंडर मां के रूप में उनकी चुनौतियों को समझने और स्वीकारने का प्रतीक है।
उन्होंने इसे सरकार की ओर से सामाजिक न्याय और समावेशन के प्रति पॉजिटिव स्टेप बताया। यह घटना उन ट्रांसजेंडर और LGBTQIA+ समुदाय के अन्य लोगों के अधिकारों की मान्यता को बढ़ावा देती है।
जो कानूनी और नौकरशाही प्रॉसेस में संघर्ष करते हैं। इससे उनकी भी नई राहें खुलेंगी जो सिंगल माता-पिता, विशेष रूप से ट्रांसजेंडर अपने बच्चों के लिए कानूनी डाक्यूमेंट्स चाहते हैं।
अक्काई पद्मशाली ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को अपने सामाजिक न्याय और समानता के संघर्ष में एक और मील का पत्थर बताया। ये घटना उनके संघर्ष की दिशा में एक सकारात्मक संदेश भी भेजती है।