Hindi

देश में पहली बार बिना Father Name के पासपोर्ट जारी, क्यों और किसका?

Hindi

क्या है ऐतिहासिक फैसले का कारण और इसके पीछे की कहानी

क्या आपने कभी बिना पिता के नाम लिखे आधार, पैन या पासपोर्ट बनवाया है? शायद नहीं, लेकिन एक शख्स ने ऐसा करके इतिहास रच दिया है। जानिए इस ऐतिहासिक फैसले का कारण और इसके पीछे की कहानी।

Image credits: Twitter
Hindi

बेंगलुरु क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने किया जारी

बेंगलुरु के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने मानवाधिकार कार्यकर्ता अक्काई पद्मशाली के बेटे एविन अक्काई पद्मशाली का पासपोर्ट पिता के नाम के बिना जारी कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।

Image credits: Twitter
Hindi

पहली बार गार्जियन के रूप में दर्ज हुआ ट्रांसजेंडर का नाम

यह पहली बार है, जब किसी ट्रांसजेंडर महिला का नाम अभिभावक के रूप में पासपोर्ट पर दर्ज किया गया है। ट्रांसजेंडर अधिकारों के संघर्ष में इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

Image credits: Twitter
Hindi

कौन है अक्काई पद्मशाली?

लंबे समय से ट्रांसजेंडर और LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों की मुखर आवाज रहीं अक्काई पद्मशाली हाल ही में अपने ट्रांसजेंडर पति वासुदेव वी से तलाक लेकर दत्तक पुत्र एविन की अभिभावक बनीं।

Image credits: Twitter
Hindi

बिना फादर नेम के बेटे का पासपोर्ट बनने पर जताई खुशी

इस असाधारण फैसले पर अक्काई ने खुशी और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय एक अकेली, तलाकशुदा, ट्रांसजेंडर मां के रूप में उनकी चुनौतियों को समझने और स्वीकारने का प्रतीक है।

Image credits: Twitter
Hindi

ट्रांसजेंडर समुदाय की बेहतरी के लिए बताया जरूरी

उन्होंने इसे सरकार की ओर से सामाजिक न्याय और समावेशन के प्रति पॉजिटिव स्टेप बताया। यह घटना उन ट्रांसजेंडर और LGBTQIA+ समुदाय के अन्य लोगों के अधिकारों की मान्यता को बढ़ावा देती है।

Image credits: Twitter
Hindi

अक्सर सरकारी डाक्यूमेंट्स बनवाने में होती है दिक्कत

जो कानूनी और नौकरशाही प्रॉसेस में संघर्ष करते हैं। इससे उनकी भी नई राहें खुलेंगी जो सिंगल माता-पिता, विशेष रूप से ट्रांसजेंडर अपने बच्चों के लिए कानूनी डाक्यूमेंट्स चाहते हैं।

Image credits: Twitter
Hindi

अक्काई पद्मशाली ने हासिल की महत्वपूर्ण उपलब्धि

अक्काई पद्मशाली ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को अपने सामाजिक न्याय और समानता के संघर्ष में एक और मील का पत्थर बताया। ये घटना उनके संघर्ष की दिशा में एक सकारात्मक संदेश भी भेजती है।

Image credits: Twitter

जस्टिस संजीव खन्ना बने देश के नए चीफ जस्टिस, जानें उनके 5 प्रमुख फैसले

लकी कार की अनोखी विदाई: मालिक ने अंतिम यात्रा-भोज में खर्च किए 4 लाख

Proud Moment: फेस्टिव सीजन में रेलवे ने बनाया ये अनोखा रिकॉर्ड

युवक ने मंदिर से की 78 लाख की चोरी, बंदे का तरीका जान पकड़ लेंगे माथा