रेलवे ने दक्षिणेश्वर में मेट्रो रेल के संचालन के लिए जमीन मांगी है। लेकिन राज्य सरकार का कहना है जहां जमीन मांगी गई है वहां तक मेट्रो लाइन बनी तो दक्षिणेश्वर स्काईवॉक टूट जाएगा।
दक्षिणेश्वर तक मेट्रो लाने के लिए दक्षिणेश्वर स्काईवॉक को वह टूटने नहीं देंगी चाहे उनकी जान चली जाए। जब तक वह जीवित हैं स्काई वॉक तोड़ने नहीं देंगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने कई साल रेलवे देखा है। रेल अफसर मुझसे मीटिंग करें, मैं बताउंगी दूसरा रास्ता। स्काईवॉक नहीं तोड़ने दूंगी।
दक्षिणेश्वर स्काईवॉक रेलवे स्टेशन को कोलकाता के प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर काली मंदिर से जोड़ता है। इसके निर्माण पर 60 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
दक्षिणेश्वर स्काईवॉक में राहगीरों के लिए कई सुविधाएं हैं। इसमें 14 एस्केलेटर और चार लिफ्ट भी बनाई गई है।
दक्षिणेश्वर स्काईवॉक 340 मीटर लंबा और 10.5 मीटर चौड़ा है। यह स्काईवॉक कांच और स्टील का प्रयोग कर बनाया गया है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को पहले मंदिर जाने में काफी दूर का सफर करना पड़ता था। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्काईवॉक बनाया गया।
दक्षिणेश्वर तक मेट्रो रेल बनाए जाने को लेकर जमीन के चक्कर में अब स्काईवॉक तोड़ने की बात पर जंग छिड़ गई है।