कौन है बिना हाथ के इतिहास रचने वाली शीतल, मोदी से राष्ट्रपति तक फैन
Other States Jan 10 2024
Author: Arvind Raghuwanshi Image Credits:social media
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अर्जुन अवार्ड दिया तो देखने वालों की आंखें नम
9 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से खिलाड़ियों को सम्मानित किया। जब बिना हाथ वाली शीतला देवी को अर्जुन अवार्ड दिया तो देखने वालों की आंखें नम हो गईं
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वर्ल्ड की नंबर वन गेम्स में रचा इतिहास
पैरों से तीरंदाजी में पूरी दुनिया में परचम लहरा देने वाली यह हैं वर्ल्ड की नंबर वन पैरा तीरंदाज व एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली शीतल देवी। जो कि कश्मीर की रहने वाली हैं।
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सिर्फ पैरों की दम पर पूरी दुनिया में नाम
शीतल ने दिनरात मेहनत करके सिर्फ छाती और पैरों से पूरी दुनिया में अपनी तीरंदाजी कर पूरी दुनिया में अपना नाम बनाया है। वह कहती हैं कि वैष्णो देवी की कृपा उन पर है।
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छोटे गांव के किसान की बेटी हैं शीतला
शीतल देवी कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के छोटे से गांव लोई धार की हैं। पिता एक मामूली किसान हैं। जबकि उनकी मां घर संभालने का काम करती हैं। फिर शीतला ने हिम्मत नहीं हारी और कर दिखाया।
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शीतला को है यह फोकोमेलिया बीमारी
शीतल के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं थे।बचपन से ही फोकोमेलिया नाम की बीमारी है। फिर भी जज्बा कम नहीं हुआ। खुद को सक्षम बनाने के लिए उसने कई सारी चुनौतियों का सामना किया है।
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दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी
साल 2023 में हांगझू में आयोजित पैरा एशियाई गेम्स में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थी। शीतल देवी भारत की पहली ऐसी महिला तीरंदाज हैं जिनके हाथ नहीं हैं।
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पीएम मोदी ने खुद शीतला से मिले
बता दें कि जब शीतल देश के लिए गोल्ड लेकर भारत लौटी थीं तो खुद पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान पीएम ने शीतल के संघर्षों को प्रणाम करते हुए उन्हें सलाम किया था।