इंजीनियर राशिद को J&k के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए आगामी 2 अक्टूबर तक तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत दी गई है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इंजीनियर रशीद को साल 2019 में टेरर फंडिंग के आरोप में UPA लॉ के तहत अरेस्ट किया था। तब से वो तिहाड़ जेल में बंद थे।
तिहाड़ जेल से बाहर आते ही इंजीनियर राशिद ने पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने कहा कि वो पीएम मोदी के न्यू कश्मीर नैरेटिव से लड़ेंगे, जो बिलकुल फेल हो चुका है।
बता दें कि इंजीनियर रशीद का असली नाम शेख अब्दुल रशीद है, जो घाटी में अवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक हैं।
इंजीनियर रशीद जम्मू-कश्मीर के लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने यहां से साल 2008 और 2014 में जीत हासिल की थी।
पिछले लोकसभा चुनाव में इंजीनियर रशीद हार गए थे। हालांकि, इस बार वो निर्दल प्रत्याशी के रूप में बारामूला सीट से लोकसभा चुनाव 2024 में जीतने में सफल हुए।
शेख अब्दुल रशीद का नाम इंजीनियर रशीद साल 2008 में मिला। जब उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी।
9 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 के निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने के बाद इंजीनियर राशिद को गिरफ्तार किया गया था।
इंजीनियर राशिद पर आरोप है कि वो लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद सहित कई अन्य अलगाववादी नेताओं के साथ संबंध है, जो हवाला के जरिए पैसे जमा करते हैं।
इंजीनियर राशिद ने कई बार सार्वजनिक मंचों का इस्तेमाल करके लोगों को देश के खिलाफ भड़काया है। वो अलगाववाद की विचारधारा का प्रचारक रहे हैं।