उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में श्रीनगर से करीब 14 किमी दूर स्थित है धारी देवी का मंदिर, इस प्राचीन मंदिर को लेकर एक किवदंती है कि धारी देवी दिन में तीन बार रूप बदलती हैं
धारी देवी को कल्याणेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है, इन्हें उत्तराखंड का संरक्षक मानते हैं, कहते हैं कि ये सुबह एक लड़की, दोपहर को महिला और शाम के बाद एक बूढ़ी औरत का रूप लेती हैं
कहा जाता है कि धारी देवी की मूर्ति द्वापर युग में स्थापित की गई थी, प्राचीन काल में बद्रीनाथ-केदारनाथ का रास्ता यहीं से होकर जाता था
यहां के लोग मानते हैं कि धारी देवी के संरक्षण के कारण ही यहां कभी प्राकृतिक आपदा नहीं आई, लेकिन जब यहां की मूर्ति को मूल स्थान से हटाया गया, तब 2013 में यहां बाढ़ आ गई थी
जहां मंदिर है, उस गांव को धारी कहते हैं, पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भीषण बाढ़ में मां की मूर्ति बहकर आई थी, मूर्ति से एक आवाज गूंजी थी, गांववालों ने उसी जगह मंदिर बना दिया