दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल अभी चर्चा में है, वजह 14 अगस्त को मोदी सरकार ने इसका नाम बदल दिया है। अब नेहरू मेमोरियल को पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा।
नेहरू मेमोरियल का इतिहास क्या है? इसकी क्या खासियत है, इस पर अब विवाद क्यों हो रहा है, इसका निमार्ण कब और किसने कराया था, सब जानते हैं।
नेहरू मेमोरियल को 1929-30 में शाही राजधानी के तौर पर सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था। यह ये अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ का ऑफिसियल रेसिडेंस था।
नेहरू मेमोरियल को पहले तीन मूर्ति हाउस के नाम से जाना जाता था। बाद में अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद ये देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का आवास बन गया।
पंडित नेहरू 16 साल तक इस घर में रहे और यहीं पर रहते उनका निधन हुआ। बाद इस तीन मूर्ति भवन को पंडित नेहरू की याद में समर्पित कर दिया गया
14 नवंबर, 1964 को जवाहरलाल नेहरू की 75वीं जयंती पर भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने इस भवन को राष्ट्र को समर्पित किया और नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नेहरू मेमोरियल के नाम बदलने पर हमला किया है। राहुल गांदी ने कहा-नेहरू को लोग नाम से नहीं काम से जानते हैॆ।