क्या आप जानते हैं कि भारत में पहले बोन मैरो दान करने वाले भारतीय नागरिक कौन हैं? आप उनका नाम सुनकर चौंक जाएंगे, क्योकि ये घटना एक फिल्मी एक्टर से जुड़ी है। आइए आपको बताते हैं।
सलमान खान को न केवल सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए बल्कि उनके उल्लेखनीय परोपकारी प्रयासों के लिए भी सराहा जाता है, जिसने अनगिनत लोगों के जीवन को छुआ है।
सिल्वर स्क्रीन की चकाचौंध से परे सामाजिक कारणों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता उनके व्यापक दान कार्यों के माध्यम से झलकती है। उनको भारत का पहला बोन मैरो डोनर माना जाता है।
एक छोटी लड़की को बोन मैरो दान किया था। एक प्रशंसक ने खान से दान करने के लिए कहा था, जब उसकी बेटी को एक गंभीर ब्लड रोग का पता चला था और उसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत थी।
सलमान खान ने 2010 में मैरो डोनर रजिस्ट्री इंडिया (MDRI) को दिल से वचन दिया था, जब पूजा नाम की एक छोटी लड़की को बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सख्त जरूरत थी।
उनके संघर्ष से बेहद प्रभावित होकर सलमान ने कदम उठाया और अपनी पूरी फुटबॉल टीम को अस्थि मज्जा दान करने के लिए अपने साथ शामिल कर लिया।
हालांकि, जब आखिरी समय में उनके साथी पीछे हट गए तो सलमान और उनके भाई अरबाज खान बिना किसी हिचकिचाहट के आगे आए। उनके निस्वार्थ कार्य ने न केवल जरूरतमंदों की मदद की।
उन्हें अस्थि मज्जा दान करने वाले पहले भारतीय सेलिब्रिटी भी बनाया, जिसने दूसरों के लिए अनुसरण करने के लिए एक शानदार उदाहरण स्थापित किया।
बोन मैरो डोनेट करने वाली पहली महिला तमिलनाडु की मसिलामणि थीं। उन्होंने 3 महीने के शिशु की जान बचाने के लिए अपना बोन मैरो डोनेट किया,जो गंभीर ऑटोइम्यून हेल्थ प्राब्लम से जूझ रहा था।
17 वर्षीय लड़की देवानंदा ने देश में सबसे कम उम्र की ऑर्गन डोनर के रूप में सुर्खियां बटोरीं। उसने अपने लीवर का एक हिस्सा अपने पिता को दान किया, जो लीवर कैंसर से जूझ रहे थे।
राजगिरी अस्पताल में मल्टी-आर्गन-ट्रांसप्लांट सर्विस के प्रमुख डॉ. रामचंद्रन नारायणमेनन के नेतृत्व में यह सर्जरी 9 फरवरी को अलुवा के राजगिरी अस्पताल में सफलतापूर्वक की गई।