इस समय चर्चा गुजरात के कच्छ में बसे मधापर गांव की चर्चा हो रही है, क्योंकि यह विलेज भारत ही नहीं एशिया का सबसे अमीर गांव है। जिसमें कई बड़े उद्योगपतियों को जन्म हुआ है।
मधापर गांव कई शहरों से आगे है, जिसमें कच्चे मकान नहीं, बड़े-बड़े बंगले बने हुए हैं। यहां गरीबी तो दूर-दूर तक देखने नहीं मिलती। हर घर में एक नहीं दो-दो-तीन लग्जरी कारें हैं।
बता दें कि इस गांव के लोगों के पास इतना पैसा है कि 7,000 करोड़ रुपए का फिक्स्ड डिपोजिट है, अब आप समझ ही सकते हैं कि गांव में कितने अमीर लोग हैं।
मधापर गांव में इतनी अमीरी है कि यहां देश के सभी बड़े बैंकों हैं। जिसमें एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, पीएनबी, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और यूनियन बैंक शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मधापर गांव में 20,000 घर हैं, जिसकी जनसंख्या करीब 32,000 है। गांव के 1,200 परिवार तो सिर्फ विदेश में रहते हैं। अधिकतर निवासी पटेल समुदाय से आते हैं।
मधापर गांव में वह हर सुविधा है जो एक शहर में होती है। यहां स्कूल-कॉलेज, अस्पताल से लेकर स्वूमिंग पूल और थिएटर तक मौजूद हैं। यहां तक की क्बल हाउस भी बने हुए हैं।
बता दें कि मधापर गांव इसलिए अमीर है, क्योंकि इसके पीछे यहां के एनआरआई हैं। जो विदेशों से पैसा कमाते हैं और यहां के बैकों में आकर करोड़ों रुपए जमा करते हैं।