एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में 9 महीने से ज्यादा समय बिताने के बाद उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट धरती पर लैंड हुआ हो गया। अमेरिका से लेकर उनके पैतृक गांव में जश्न मन रहा है।
सुनीता का यह भारत वाला पैतृक घर है। जो गुजरात के मेहसाणा जिले के जुलसाना गांव में स्थित है। जहां उनके पिता डॉ दीपक पंड्या अपने परिवार के साथ रहते थे। बाद में अमेरिका चले गए।
अंतरिक्ष में सफल यात्रा के लिए सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव जुलसाना गांव में 9 महीनों से विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान किए गए। सुनीता की वापसी का सभी को बेसब्री से इंतजार था।
सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव जुलसाना के स्कूल की दीवारों पर सुनीता पोस्टर लगे हैं। बच्चों ने वापसी के लिए भगवान से दुआ की और कहा वह भी सुनीता दीदी की तरह भारत का नाम रोशन करेंगे।
यह महिलाओं सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव जुलसाना की हैं, जो मंदिर सुनीता की तस्वीर रखकर पूजा पाठ किया। अब यह महिलाओं जश्न मना रही हैं।
पूरा गांव सुनीता को अपनी बेटी मानता है। उनका कहना है कि वह अमेरिका जरूर चली गईं हैं, लेकिन बेटी तो हमारे गांव की है। तनावपूर्ण क्षणों में भी गांव का विश्वास डगमगाया नहीं।
सुनीता विलियम्स की यह तस्वीर 2017 की है जब वह भारत दौरे पर थीं, तो इस दौरान अपने पैतृक गांव झूलासन आई थीं, इस दौरान गांव के लोगों को उन्होंने गले लगाकर इस तरह स्वागत किया था।
सुनीता विलियम्स का यह पैतृक गांव झूलासन है। जहां पर इस समय जश्न चरम पर है। हर कोई एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बेटी की जीत की शुभकामनाएं दे रहे हैं।