महा विसुवा संक्रांति को ओडिया नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। झामू जात्रा या भक्तों के व्रत (Brata) को पूरा करने के लिए अग्नि यात्रा का दिन भी है
झामू व्रत करने वाले भक्तों को पटुआ या पवित्र भक्त कहा जाता है। यही पटुआ पारंपरिक तरीके से आग पर चलकर व्रत पूरा करते हैं
झामू जात्रा के दिन पटुआ नदी या तालाबों से पवित्र जल लाते हैं। देवता से आशीर्वाद पाने प्रार्थना करते हुए आग का कुंड पार करते हैं
झामू जात्रा के दौरान भक्त खतरनाक स्टंट करते हैं। धार्मिक भाषा में इस भ्रम की स्थिति को भक्तों का अधिकार(possession) कहते हैं
झामू जात्रा के दौरान माना जाता है कि दैवीय आशीर्वाद से पटुआ को मानसिक और शारीरिक दर्द सहन करने की शक्ति मिलती है
पहले कभी झामू जात्रा ओडिशा के गांवों का धार्मिक त्यौहार हुआ करता था, लेकिन अब यह शहरों में भी परंपराओं के साथ मनाया जाने लगा है
परंपराओं के अनुसार झामू यात्रा एक कठिन तपस्या है। इसमें शामिल भक्तों की सभी इच्छा-मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
झामू जात्रा के दौरान BJP लीडर और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी अंगारों पर चले। इस दौरान उन्होंने देश के लिए मंगल कामना की