Other States

झामू जात्रा मतलब व्रत का अंतिम दिन

महा विसुवा संक्रांति को ओडिया नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। झामू जात्रा या भक्तों के व्रत (Brata) को पूरा करने के लिए अग्नि यात्रा का दिन भी है

Image credits: Our own

झामू व्रत रखने वालों को पटुआ कहते हैं

झामू व्रत करने वाले भक्तों को पटुआ या पवित्र भक्त कहा जाता है। यही पटुआ पारंपरिक तरीके से आग पर चलकर व्रत पूरा करते हैं

Image credits: Our own

पवित्र जल लेकर आग पर चला जाता है

झामू जात्रा के दिन पटुआ नदी या तालाबों से पवित्र जल लाते हैं। देवता से आशीर्वाद पाने प्रार्थना करते हुए आग का कुंड पार करते हैं

Image credits: Our own

झामू जात्रा में होते हैं खतरनाक स्टंट

झामू जात्रा के दौरान भक्त खतरनाक स्टंट करते हैं। धार्मिक भाषा में इस भ्रम की स्थिति को भक्तों का अधिकार(possession) कहते हैं

Image credits: Our own

झामू जात्रा में कष्ट सहन की शक्ति

झामू जात्रा के दौरान माना जाता है कि दैवीय आशीर्वाद से पटुआ को मानसिक और शारीरिक दर्द सहन करने की शक्ति मिलती है

Image credits: Our own

गांवों से शहर तक लोकप्रिय हुआ झामू जात्रा

पहले कभी झामू जात्रा ओडिशा के गांवों का धार्मिक त्यौहार हुआ करता था, लेकिन अब यह शहरों में भी परंपराओं के साथ मनाया जाने लगा है

Image credits: Our own

झामू यात्रा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं

परंपराओं के अनुसार झामू यात्रा एक कठिन तपस्या है। इसमें शामिल भक्तों की सभी इच्छा-मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

Image credits: Our own

संबित पात्रा भी झामू जात्रा में आग पर चले

झामू जात्रा के दौरान BJP लीडर और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी अंगारों पर चले। इस दौरान उन्होंने देश के लिए मंगल कामना की

Image credits: Our own