ED के जांच में ये भी पाया गया कि आलमगीर आलम टेंडर घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन्हें हर टेंडर पर एक फिक्स अमाउंट दिया जाता था। इसी वजह से ईडी ने दस दिन की रिमांड की मांग की थी।
ED ने आलमगीर आलम के खिलाफ रिमांड नोट में आरोप लगाया कि साल 2023 में गिरफ्तार तत्कालीन चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार राम को टेंडर आवंटन के बदले कमीशन लिया करते थे।
टेंडर आवंटन के बदले में आलमगीर आलम को 1.5 गुणा रुपया कमीशन के तौर पर जाता था।
ED ने जांच दौरान पाया कि साल 2022 में एक असिस्टेंट इंजीनियर के जरिए 3 करोड़ रुपए टेंडर आवंटन के बदले भेजे गए थे।
जांच के दौरान 6 से 8 मई तक मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम समेत अन्य के 6 ठिकानों पर ED ने रेड की थी।
ED ने साढ़े 37 करोड़ रुपए बरामद किए और जांच में यह भी पाया गया कि मंत्री आलमगीर आलम के लिए उसका पीए संजीव लाल पैसों के कलेक्शन का काम करता था।