मलखान सिंह ने 2019 में भाजपा से MLA का टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ दी थी, फिर वे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया से जुड़े, धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, पर हार गए
चंबल के कुख्यात डकैत मलखान सिंह ने 17 जून, 1982 को भिंड में MP के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के आगे सरेंडर किया था
सरेंडर के बाद मलखान सिंह को 6 साल जेल में गुजारना पड़ा था, 1989 में सभी मामलों में बरी करके उन्हें रिहा कर दिया गया था
1980 तक तक मलखान पर 94 से ज्यादा केस दर्ज थे, जिसमें 17 हत्याएं, 18 डकैती, 28 अपहरण और 19 हत्या के प्रयास के मामले शामिल थे
70 के दशक में मलखान सिंह और उसकी गैंग के पास सेल्फ लोडिंग अमेरिकन राइफल होती थी, उनके पास AK-47, कार्बाइन जैसे हथियार थे गैंग में 20 डाकू थे