मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला कोर्ट से अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक तलाक के मामले में अदालत ने 38 साल बाद तलाक की अर्जी पर अब फैसला सुनाया है।
ग्वालियर अदालत में एक इंजीनियर ने 1985 में कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी डाली थी। लेकिन अब फैसला आया है, जब पति-पत्नी के बच्चों की शादी हो चुकी है।
पत्नी से तलाक के लिए सबसे पहले ये मामला भोपाल न्यायालय से शुरू होकर विदिशा कुटुंब न्यायालय, ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए रिटायर्ड इंजीनियर को आदेश दिया है कि वह पत्नी को तलाक की एवज में 12 लाख रुपये का गुजारा भत्ता देगा।
शादी के 4 साल बाद की पति-पत्नी में विवाद हो गया था। तभी से तलाक की अर्जी लगाकर वह अलग-अलग रह रहे थे। पति ने दूसरी शादी कर ली। दूसरी पत्नी से उसे दो बच्चे भी हैं।
रिटायर्ड इंजीनियर भोपाल का रहने वाला है, जबकि पत्नी ग्वालियर की रहने वाली है। 1981 में शादी हुई थी। बच्चे नहीं होने से विवाद हो गया। दूसरी पत्नी के दो बच्चे की शादी भी हो चुकी है।