राहुल गांधी की लोकसभा में वापसी हो गई है, लेकिन अब BJP सांसद कठेरिया की विदाई पर सवाल उठ रहे हैं। उनकी संसद की सदस्यता खतरे में पड़ गई है।
5 अगस्त को एमपी/एमएलए कोर्ट ने भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को 2 साल की जेल और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।
सांसद कठेरिया पर अपने 10-15 समर्थकों के के साथ सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट का मामला दर्ज है। यह घटना 16 नवंबर 2011 की है।
आगरा की बिजली कंपनी टोरंट पावर लिमिटेड के मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह बिजली चोरी से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे थे। तभी कठेरिया आए और मारपीट करने लगे।
इटावा से भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री और एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
58 वर्षीय कठेरिया तीसरी बार सांसद बने हैं। आगरा लोकसभा सीट से वो दो बार सांसद चुने गए। जबकि 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें इटावा से मैदान में उतारा जीत दर्ज की।
कठेरिया डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर भी रह चुके हैं। उनके बारे में बताया जाता है कि वह बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे।
सांसद राम शंकर कठेरिया अभी वह रक्षा पर संसद की स्थायी समिति और गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य हैं।
कठेरिया ने अब जिला जज कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी है।उन्होंने कहा-मुझे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया है। उच्च अदालत से मुझे न्याय मिलेगा।