मध्यप्रदेश में एक चायवाला बड़ी मुश्किल से घर चलाता है। लेकिन इसके बावजूद भी 27 बार चुनाव लड़ चुका है। इस बार 28 वीं बार वह सांसद का चुनाव लड़ रहा है।
ग्वालियर लश्कर निवासी चायवाले आनंद कुशवाहा समाधिया कॉलोनी में चाय की दुकान चलाकर अजीविका चलाते हैं। उन्हें चुनाव लड़ने का गजब का जुनून है। हालांकि उन्हें एक बार भी सफलता नहीं मिली।
आनंद कुशवाहा चार बार राष्ट्रपति का फार्म भी भर चुके हैं। इसके अलावा वे महापौर से लेकर पार्षद तक का चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार पहली बार सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं।
चायवाले अपना चुनाव चिन्ह केतली ही लेते हैं। अगर ये चुनाव चिन्ह उन्हें नहीं मिलता है। तो वे अपना फार्म वापस ले लेते हैं। 2023 में विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने नाम वापस ले लिया था।
आनंद ने चुनाव खर्च के लिए दुकान पर एक गुल्लक रखी, जिसमें हर दिन एक निश्चित राशि डालते थे। ताकि फार्म भरने के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। वो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
आनंद चुनाव प्रचार साइकिल से करते हैं। वे जहां भी जाना होता है साइकिल से ही जाते हैं। खुद के प्रचार के पर्चे और पोस्टर भी खुद ही लगाते नजर आते हैं।
आनंद कुशवाहा ने 1994 में पहली बार फार्म भरा था, लेकिन उस समय नारायण सिंह कुशवाहा भी चुनाव लड़ रहे थे। इस कारण समाज के नाते उन्होंने अपना फार्म वापस ले लिया था।