Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में चुनाव के परिणाम को आए दिन एक सप्ताह के बाद भी सीएम पर फैसला नहीं हुआ है। क्या शिवराज सिंह चौहान को फिर कुर्सी मिलेगी या फिर कोई नया चेहरा कमान संभालेगा।
मध्य प्रदेश में चुनाव के परिणाम को आए दिन एक सप्ताह के बाद भी सीएम पर फैसला नहीं हुआ है। क्या शिवराज सिंह चौहान को फिर कुर्सी मिलेगी या फिर कोई नया चेहरा कमान संभालेगा।
प्रहलाद पटेल की अगर कमजरी की बात करें तो वो आरएसएस के करीबी नहीं हैं। ना ही उन्हें प्रदेश की सियासत का ज्यादा अनुभव रहा। वो कई बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे हैं।
बात नरेंद्र तोमर की जाए तो वो आरएसस के करीबी हैं,सामन्य वर्ग से हैं। मोदी सरकार में मंत्री रहे। चंबल बेल्ट में अच्छी पकड़ मानी जाती है। शिवराज भी उनके नाम पर सहमत हो सकते हैं।
नरेंद्र तोमर की अगर कमजोरी की बात की जाए तो उनके बेटे उनके लिए परेशानी बन सकते हैं। चुनाव के दौरान बेटे के वीडियो ने बवाल काटा था।
बात शिवराज सिंह चौहान की जाए तो वह प्रदेश में सबसे लोकप्रिय नेता हैं। 18 साल का सीएम का अनुभव है। आरएसएस और विधायकों के भी चहेते हैं।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मोदी-शाह उनको सीएम नहीं बनाना चाहते हैं। पार्टी हाईकमान भी उनको बदलने का मन बना चुके हैं।
वहीं चौथा सबसे बड़ा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। वो शिवराज के बाद सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ग्वालियर संभाग में पकड़ है। मोदी के पसंदीदा नेता हैं।
सिंधिया की कमजोरी यह है कि वो आरएसएस के करीबी नहीं है। एमपी में कई बीजेपी नेता उनके साथ सीएम के लिए तैयार नहीं होंगे। क्योंकि वो कांग्रेस से पार्टी में आए हैं।