निर्मला भूरिया: 56 वर्षीय आदिवासी नेता निर्मला भूरिया भी मंत्री बनी हैं। वह झाबुआ जिले की पेटलावद विधानसभा सीट से पांचवी बार की विधायक हैं। शिवराज सरकार में भी मंत्री थीं।
कृष्णा गौर: 1 लाख वोटों से भोपाल की गोविंदपुरा जीटसे चुनाव जीतने वाली कृष्णा गौर दो बार से विधायक हैं। वो भोपाल की महापौर भी रह चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू हैं।
संपतिया उइके: मंडला से पहली बार विधायक बनी संपतिया उइके कैबिनेट मंत्री बनी हैं। वह राज्यसभा सदस्य और तीन बार मंडला की जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। आदिवासी समाज की बड़ी नेता हैं।
राधा सिंह: सिंगरौली जिला की चितरंगी विधानसभा सीट से विधायक बनी हैं। उनके ससुर जगन्नाथ सिंह एमपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। राधा सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
प्रतिमा बागरी: विधायक प्रतिमा बागरी सतना जिले की रैगांव विधानसभा सीट चुनाव जीती हैं। वह पहली बार मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री बनाई गई हैं।
अब मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में 18 कैबिनेट, 6 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) और 4 राज्य मंत्री होंगे। यानि मोहन यादव की टीम में 28 विधायक मंत्री बने हैं।