पूर्व सांसद और ‘दस्यु सुंदरी’ फूलन देवी का 10 अगस्त को जन्मदिन है, वे 1963 को यूपी के शेखपुर गुढ़ा गांव में पैदा हुई थीं
फूलन देवी की मां मुला देवी के मुताबिक, ताऊ के लड़कों से जमीन को लेकर विवाद था, फूलन के पिता देवीदीन ने 1949 में कालपी SDM में मुकदमा दर्ज कराया था, जो 74 साल बाद खारिज हो गया
दिसंबर, 1978 को फूलन के ताऊ बिहारी ने पूरी जमीन हड़प ली थी, फिर अपने ही घर पर फायरिंग करवाकर फूलन को फंसा दिया, ताऊ के लड़के मैयादीन ने डकैतों से मुखबिरी करके उसे उठवा दिया
14 फरवरी, 1981 को कानपुर देहात के बेहमई गांव में फूलन देवी के गैंग ने उसे प्रताड़ित करने वाले 26 लोगों को लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी, इसमें 20 मारे गए थे
फूलन डकैत विक्रम मल्लाह से प्यार करती थी, तभी ठाकुरों के गैंग ने मल्लाह की हत्या कर फूलन को किडनैप कर लिया था, उस समय फूलन की उम्र 18 साल की थी
साल 1994 में यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनने पर फूलन जेल से रिहा हुईं, इसके बाद राजनीति में इंट्री की और 1996 से 1998 और 1999 से 2001 तक मिर्जापुर से सांसद बनीं
फूलन देवी की 25 जुलाई, 2001 को महज 37 साल की उम्र में शेर सिंह राणा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, इसे राजनीतिक हत्या माना जाता रहा है
फूलन देवी ने फरवरी, 1983 में मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने सरेंडर किया था, फूलन पर 1994 में बहुचर्चित फिल्म बैंडिट क्वीन बनी थी
शेखपुर गुढ़ा गांव में फूलनदेवी के घर के बाहर उनकी मूर्ति स्थापित की गई है, गांववालों के मुताबिक, फूलन ने उनके लिए बहुत कुछ किया