IFSC कोड बैंक की हर शाखा का एक यूनिक पहचान नंबर होता है, जो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में जरूरी होता है। जानिए इसका मतलब, फुल फॉर्म, स्ट्रक्चर और कहां होता है इस्तेमाल।
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क्या होता है IFSC कोड? एक अनदेखी पहचान!
IFSC कोड बैंक की डिजिटल दुनिया का गुप्त पासवर्ड है, जो हर ब्रांच को अलग पहचान देता है। यह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की नींव है।
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11 कैरेक्टर्स में छिपा है पूरा बैंकिंग मैजिक
हर IFSC कोड में 11 कैरेक्टर्स होते हैं, जिसमें बैंक का नाम, ब्रांच की पहचान और बीच में एक ज़ीरो छिपा होता है। जानिए इसकी गहराई।
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पहले चार अक्षर – बैंक की डिजिटल पहचान
कोड की शुरुआत के चार अक्षर बैंक को दर्शाते हैं। जैसे SBI का कोड शुरू होता है 'SBIN' से। ये पहचान ऑनलाइन सिस्टम को बैंक से जोड़ती है।
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अंतिम 6 कैरेक्टर – ब्रांच की लोकेशन
IFSC कोड का आखिरी हिस्सा उस बैंक शाखा की पहचान बताता है, जिससे आप ट्रांजैक्शन कर रहे होते हैं। ये लोकल से ग्लोबल कनेक्शन बनाता है।
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बीच का जीरो – क्यों होता है ज़रूरी?
पांचवां कैरेक्टर हमेशा '0' यानी शून्य होता है। ये फॉर्मैटिंग के लिए रिज़र्व है और ट्रांजैक्शन सिस्टम को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। उदाहरण: SBIN0001234
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IFSC के बिना नहीं होगा डिजिटल ट्रांसफर
चाहे NEFT हो, RTGS या IMPS – हर डिजिटल ट्रांजैक्शन IFSC कोड के बिना अधूरा है। ये कोड पैसे को सही जगह तक पहुंचाने में मदद करता है।
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कहां मिलेगा सही IFSC कोड?
बैंक की चेकबुक, पासबुक, वेबसाइट या RBI की साइट पर हर शाखा का IFSC कोड मौजूद होता है। ग़लत कोड से ट्रांजैक्शन फेल भी हो सकता है!