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मैं दूसरा विवाह कभी नहीं करूंगा, फिर क्यों अंबेडकर ने की दूसरी शादी

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देश मना रहा अंबेडकर की 133वी जंयती

देशभर में 14 अप्रैल को संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वी जंयती मना रहा है। जिन्हें दलितों और शोषितों का मसीहा का जाता है।

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मध्य प्रदेश में महू में हुआ था जन्म

बता दें कि बाबासाहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में महू में हुआ था। लेकिन वह पिता की सरकारी नौकरी होने के कारण महाराष्ट्र में रहे हैं।

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कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़े अंबेडकर

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले अंबेडकर ने बचपन से जाति के आधार पर काफी भेदभाव झेला था। इसलिए उन्होंने ठान लिया था कि अब दलितों के लिए काम करूंगा।

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पहली पत्नी का हो गया था निधन

कम लोगों को पता है कि अंबेडकर ने दो शादियां की थीं। पहली रामबाई थीं, जिनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। तब उन्होंने तय कर लिया था कि वह जीवनभर में दूसरा विवाह नहीं करेंगे।

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डॉक्टर से प्रभावित थे अंबेडकर

अंबेडकर ने दूसरी शादी मजबूरी में की थी। जब उनकी ज्यादा तबीयत खराब रहने लगी तो मुंबई की डॉक्टर ने उनको ठीक कर  प्रभावित थे।

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अंबेडकर ने दूसरा विवाह 1948 में किया

अंबेडकर ने सविता से दूसरा विवाह 1948 में किया।उन्होंने इसका जिक्र अपनी पुस्तक में किया है। सविता अंबेडकर द्वारा स्थापित पार्टी रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया में सक्रिय रहीं।

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