महाराष्ट्र की पहली ट्रांस महिला वन रक्षक विजया वासवे ने संघर्षों और कठिनाइयों को पार कर सम्मानजनक जीवन का उदाहरण पेश किया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी।
नंदुरबार जिले के सुदूर अक्कलकुवा तालुका में विजया वासवे अब वन रक्षक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर रही हैं। वह उन्हीं रास्तों से गुजरती हैं, जिनसे कभी डरती थीं।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र पाने वाली पहली व्यक्ति बनकर उन्होंने इतिहास रच दिया। आदिवासी किसान परिवार में जन्मी विजया का जीवन आसान नहीं रहा।
उन्होंने अपने स्त्री स्वभाव के कारण स्कूल और कॉलेज में दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना का सामना किया, लेकिन उनके साहस और दृढ़ संकल्प ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की।
उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट तब आया, जब पुणे LGBTQ+ कार्यकर्ता बिंदुमाधव खैरे ने उनके कॉलेज में लैंगिकता पर व्याख्यान दिया। इससे विजया को अपनी पहचान और कामुकता को समझने में मदद मिली।
उन्होंने 2019 में लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें सर्जिकल और हार्मोनल उपचार शामिल थे। विजया ने ग्रेजुएशन के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर दी थी।
पहले पुलिस फिर 2023 में वन रक्षक के लिए आवेदन किया। रिटेन व फिजिकल एग्जाम क्रैक कर लिया। अब स्थानीय लोग उनकी प्रेरणादायक यात्रा से प्रभावित होकर उनसे मार्गदर्शन मांगते हैं।
नंदुरबार के लोग इस परिवर्तन को देखकर चकित हैं। विजया का कहना है कि मुझे सम्मान और प्यार मिला है। उनकी कहानी लाखों ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए प्रेरणा है।