महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है। अजित पवार ने चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर डिप्टी सीएम की गद्दी पर विराजमान हो चुके हैं। इसकी वजह से देवेंद्र फडणवीस से करीबी रिश्ता...
मीडिया में चल रहीं खबरों की मानें तो अजीत पवार और देवेंद्र फणणवीस दोनों आपस में दोस्त हैं। कितना ही बड़ा मुद्दा क्यों ना रहा हो, दोनों ने एक-दूसरे की कभी आलोचना नहीं की।
मीडिया में चल रहीं खबरों की मानें तो अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस दोनों आपस में दोस्त हैं। कितना ही बड़ा मुद्दा क्यों ना रहा हो, दोनों ने एक-दूसरे की कभी आलोचना नहीं की।
राज्य में शिंदे की सरकार आने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार में जुबानी जंग छिड़ गई थी। लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने कभी भी अजित पवार पर निशाना नहीं साधा।
साल 2019 में तब सुबह-सुबह अजित पवार और देवेन्द्र फडणवीस ने शपथ ली। उनकी सरकार कुछ ही घंटों तक चली लेकिन इससे फडणवीस और अजित पवार की दोस्ती का पता चला।
अजित पवार ने विधानमंडल वो मुद्दे कभी नहीं उठाए जो फडणवीस से संबंधित थे। कभी भी फडणवीस को टारगेट नहीं किया। फडणवीस ने भी अजित पवार के खिलाफ नहीं बोला। शरद पवार की आलोचना करते हैं।
साल 2014 में जब 70 हजार करोड़ के इरिगेशन स्कैम का मुद्दा उठा तो नाम अजित पवार का था। लेकिन फडणवीस ने आलोचना करने से बचते रहे।