मुंबई के पास अंबरनाथ शहर में स्थित अंबरनाथ शिव मंदिर का निर्माण 1060 ईं. में राजा मांबाणि ने कराया था। कहते हैं कि दुनिया में ऐसा दूसरा मंदिर नहीं है
कहते हैं कि अज्ञातवास के दौरान पांडव कुछ वर्ष अंबरनाथ में रहे थे, इस मंदिर का निर्माण उन्हीं ने कराया था, लेकिन पीछे से कौरवों के आ जाने से पांडव निर्माण अधूरा छोड़कर निकल गए थे
अंबरनाथ का शिव मंदिर आर्किटेक्चर का अनूठा उदाहरण है। मंदिर के बाहर दो नंदी बैल बने हैं, सभामंडप के बाद 20 सीढ़ियों के नीचे गर्भगृह है
मंदिर का मुख्य शिवलिंग त्रिमूर्ति है, इनके घुटने पर एक नारी है, जो शिव-पार्वती के रूप को दर्शाती है। ऊपर शिव नृत्य मुद्रा में हैं
मंदिर के गर्भगृह में एक पानी का कुंड है, इसके पास ही एक गुफा है, कहते हैं कि इसका रास्ता पंचवटी तक जाता है, यूनेस्को ने मंदिर को सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है
अंबरनाथ मंदिर शहर के रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूर वल्धुनी नदी के तट पर स्थित है
टेम्पल सिटी के नाम से मशहूर अंबरनाथ मंदिर को संवारने महाराष्ट्र सरकार ने जनवरी, 2023 में 140 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी