अमृतसर का स्वर्ण मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध ह। जिसे सिख समाज का तीर्थ स्थल माना जाता है। वहीं गोल्डन टेंपल को हरमिंदर साहिब के नाम से भी जाना जाता है।
आज ही के दिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हरमंदिर साहिब में 27 अगस्त, 1604 को गुरू ग्रंथ साहिब की स्थापना की गई थी।
गुरु ग्रंथ साहिब सिख धर्म को मानने वालों का पूजनीय पवित्र ग्रंथ है। इस ग्रंथ को 'आदिग्रंथ' के नाम से भी जाना जाता है।
गोल्डन टेंपल की खूबसूरती और खासियत देखने के लिए पूरी दुनिया भर से लोग आते हैं। बाहर से देखने में जितना खूबसूरत है, अंदर से वह लाखों खूबिया हैं।
इस मंदिर को 24 कैरेट सोने से ढंका गया है, जिसके कारण इसका नाम स्वर्ण मंदिर है। मंदिर की बनावट के लिए लगभग 500 किलोग्राम से भी अधिक सोने का यूज किया गया है।
स्वर्ण मंदिर में सरोवर बना हुआ है, जिसे अमृत सरोवर भी कहते हैं, इसमें डुबकी लगाने से सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं। लाखों लोग मंदिर जाने से पहले इसमें स्नान करते हैं।
स्वर्ण मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा लंगर लगता है। हर रोज लाखों लोग लंगर चखते हैं, लंगर के लिए तैयार की जानी वाली रोटियां आधुनिक मशीनों से तैयार की जाती हैं।