सूर्य भगवान का यह मंदिर राजस्थान के झुझुनूं जिले में है। जिसे लोहागर्ल सूर्य मंदिर कहा जाता है। कहा जाता है यह पांडवों के समय का है, युद्ध के बाद यहां पूजा पाठ कर अपने पाप धोऐ थे।
मंदिर परिसर में स्थित पानी का एक काफी प्राचीन कुंड बना हुआ है, जिसे चमत्कारी कुंड कहा जाता है। इसमें स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में लोग आते हैं।
कहा जाता है कि भगवान सूर्य के इस कुंड में जो एक बार नहाता है उसकी स्किन संबंधित सारी बिमारियां दूर हो जाती हैं।
यहां भगवान सूर्य अपनी पत्नी छाया के साथ रहते हैं। दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर हैं जहां सूर्य भगवान अपनी पत्नी छाया के साथ विराजमान हैं।
इस सूर्य मंदिर की तुलना कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर से इसलिए की जाती है क्योंकि दोनो की बनावट में काफी समानता बताई जाती है।
मान्यता है कि सूर्य भगवान ने भगवान की विष्णु की तपस्या की थी उसके बाद भगवान सूर्य को यहां अपनी पत्नी छाया के साथ बसने की अनुमति दी गई थी।