कम लोग ऐसे होते हैं जो अपना शौक पूरा करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दें। लेकिन राजस्थान की ऐसी ही एक बेटी है अजमेर की रहने वाली सूफिया सूफी...जो कश्मीर से कन्याकुमारी तक दौड़ी है।
सूफिया सूफी एक ऐसी रनर बनी जिसका कोई मुकाबला नहीं है, जिसने एक नहीं अपने पांच-पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं।
अजमेर की रहने वाली 37 साल की सूफी बताती है कि करीब 10 साल पहले तक वह दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बैगेज हैंडलिंग ऑफिसर के रूप में नौकरी कर रही थी।
सूफी को धीरे-धीरे उसे काम करते हुए पता चल गया कि उसका शेड्यूल उसे बर्बाद कर रहा है। इसके बाद उसने मैराथन में हिस्सा लेना शुरू किया और प्रोफेशनल रनिंग कोच भी हायर किया।
सूफिया सूफी बताती है कि उनका मकसद केवल दौड़कर रिकॉर्ड तोड़ना नहीं है, बल्कि यह साबित करना है कि हम मन में कुछ ठान ले तो क्या कर सकते हैं।
सूफी बताती है कि अब वह 2025 में कतर में दौड़ने के लिए तैयारी कर रही है। जहां वह 680 दिनों में 30 हजार किलोमीटर दौड़ेगी और ऐसा करने वाली पहली महिला होगी।
मनाली-लेह सर्कटि को मात्र 97 घंटे में दौड़कर पुरुष और महिला दोनों वर्गों में दुनिया की सबसे फास्ट रनर बनी उसने इसे 100 घंटे से कम समय में पूरा करने के लिए इसे दो बार किया।