कोटा में हर साल लाखों छात्र छात्राएं आईआईटी और नीट के एग्जाम की तैयारी करने आते हैं। लेकिन 1 साल में यह शहर सबसे ज्यादा बदनाम रहा है। वजह 1 साल में 20 सुसाइड केस...
कोटा एजुकेशन सिटी के नाम से जाना जाता है। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से स्टूडेंट्स सुसाइड कर रहे हैं अब वह सुसाइड सिटी बन गई है। छात्रों को कथावाचक जया किशोरी ने मोटिवेट किया।
जिला प्रशासन एवं अन्य कोचिंग संस्थानों ने संयुक्त रूप से आयोजन करके कोटा में कथावाचक जया किशोरी का मोटिवेशनल सेमिनार आयोजित करवाया गया।
2 घंटे तक स्टूडेंट्स ने जया किशोरी से अपने-अपने सवाल पूछे। जया किशोरी ने भी यही सिखाया की जीवन में परिस्थितियों चाहे कैसी भी हो इंसान वही है जो उन्हें संभाल सके।
जया किशोरी ने सभी छात्रों को बताया कि अगर तनाव और डिप्रेशन में आएं तो क्या करें। एग्जाम में पास होना ही सफलता नहीं है। खुशी (Happiness) ही जिंदगी ही जिंदगी की सबसे बड़ी सक्सेज है।
ज्यादातर केस में स्टूडेंट पढ़ाई के तनाव में आ गए और वह उसे हैंडल नहीं कर पाए और उन्हें सुसाइड करना ही आखिरी विकल्प लगा। कई स्टूडेंट्स ने तो सुसाइड नोट में इस तनाव का जिक्र भी किया।