राजस्थान की वो 5 वीरांगनाएं, जिनसे कांपते थे अंग्रेज से लेकर मुगल तक
Rajasthan Apr 30 2025
Author: Arvind Raghuwanshi Image Credits:social media
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2. रानी दुर्गावती (चित्तौड़ के मूलवंश से)
राजस्थान की धरती वीरता और बलिदान की प्रतीक रही है। पुरुष योद्धाओं स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है, वहीं कुछ वीरांगनाएं भी ऐसी हुईं जिन्होंने मुगलो-अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर कर दिया।
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1. रानी हाड़ा नायक कुंवरि (बूंदी)
बूंदी की इस वीरांगना ने मेवाड़ के राणा प्रताप की मदद के लिए अपने राज्य की सेना को मैदान में उतार दिया था। बताया जाता है उन्होंने युद्ध के दौरान अपना सिर काटकर पति को भेज दिया था।
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2. रानी दुर्गावती (चित्तौड़ के मूलवंश से)
हालांकि उनका कार्यक्षेत्र मध्यप्रदेश रहा, लेकिन उनका संबंध चित्तौड़ के राठौड़ वंश से था। उन्होंने मुगलों के खिलाफ गोंडवाना की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की।
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3. रानी कर्णावती (चित्तौड़)
बहेद सम्मान और वीरता की प्रतीक रानी कर्णावती ने बहादुरी से बहलोल लोदी और बहादुर शाह के आक्रमणों का सामना किया। उन्होंने जौहर कर अपना और चित्तौड़ की नारियों का आत्मसम्मान बचाया।
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4. रानी पद्मावती (चित्तौड़)
रानी पद्मावती की सुंदरता और साहस के किस्से पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। अलाउद्दीन खिलजी की सेना के सामने उन्होंने चित्तौड़ की आन-बान के लिए जौहर किया।
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5.झलकारी बाई शेखावाटी की वीरांगना
राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की कई अनाम वीर महिलाएं थीं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में हिस्सा लिया। भले ही उनके नाम इतिहास में दब गए हों, लेकिन उनका योगदान अविस्मरणीय है।