बीते दिनों हुए एशियाई गेम्स में घुड़सवारी में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली टीम की सदस्य राजस्थान की दिव्यकृति सिंह को अर्जुन अवार्ड देने की घोषणा की गई है।
यह घोषणा भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय ने की है। जल्द ही इस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह अवार्ड लेने वाली दिव्यकृति पूरे देश की एकमात्र महिला है।
अपनी इस सफलता पर सिंह ने कहा है कि यह उनके लिए एक बेहद सुखद अनुभव है। वह अपना पूरा श्रेय अपने घोड़े और कोच को देते हैं।
पिछले 3 साल से दिव्यकृति जर्मनी में हेगन के हॉफ कैसलमेन ड्रेसाज यार्ड में प्रेक्टिस करने में लगी हुई है। यह मुकाम हासिल करने के लिए दिव्यकृति को बहुत मेहनत करनी पड़ी है।
दिव्यकृति पूरा परिवार ही पोलो गेम का शौकीन है। उसने 5 साल की उम्र में ही घुड़सवारी शुरू कर दी थी। जयपुर के द पैलेस स्कूल और अजमेर में रहते हुए मेयो कॉलेज में रहकर अभ्यास किया।
यह राजस्थान के डीडवाना इलाके के एक छोटे से गांव पीह की रहने वाली है। जिनकी बदौलत भारत ने 41 साल बाद अच्छा सवारी में गोल्ड मेडल जीता था।
विदेश में रहकर ट्रेनिंग कर रही दिव्यकृति के पास जयपुर में खुद का 80 घोड़े का एक अस्तबल और ग्राउंड है। उसका सपना है कि यह ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम रोशन करें।