गर्दन पर तलवार हो फिर भी कुर्बानी से बच जाते हैं यह बकरे, जानिए वो वजह
Rajasthan Jun 17 2024
Author: Arvind Raghuwanshi Image Credits:social media
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बकरों की कुर्बानी का दौर शुरू...
बकरा ईद का उत्सव शुरू हो गया है। देशभ में यह पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कई जगह तो सामूहिक ईद की नमाज अदा होने के बाद कुर्बानी का दौर शुरू हो चुका है।
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तलवार रखे जाने के बाद भी बच जाते
अल्लाह के प्रति प्यार और बिश्वास के लिए बकरों की कुर्बानी देने की परंपरा है। आज लाखों बकरे कुर्बान होंगे। लेकिन कुछ बकरें ऐसे होते हैं जिन पर तलवार रखे जाने के बाद भी बच जाते हैं।
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कुर्बानी के लिए बकरों के हों दो दांत
बता दें कि जिन बकरों की कुर्बानी दी जाती है उन बकरे के कम से कम 2 दांत होने जरूरी है। अगर किसी बकरे के दांत नहीं आई तो उसकी कुर्बानी नहीं दी जाती है।
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कुर्बानी से पहले गिने जाते बकरे के दांत
बकरीद पर कुर्बानी देते वक्त बकरे के दांत गिनने का रिवाज है, जिस बकरे के दो दांत आ जाते हैं तो वह कुर्बान होने के लिए सही माना जाता है।
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बकरे का कान नहीं हो कटा हुआ
वहीं किसी बकरे का कान भी कटा हुआ नहीं होना चाहिए और न ही उसका कोई सींग। अगर यह दो चीजें हैं तो उनकी कुर्बानी सही नहीं मानी जाती है।
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इन बकरों की नहीं दी जाती है कुर्बानी
बकरों की उम्र उनके दांत गिनकर ही पता लगाई जाती है। कोई नवजात या बुजुर्ग बकरा है तो भी वह कुर्बान नहीं होता है। यानि उसके छह से ज्यादा होते हैं तो उस बकरे की कुर्बानी नहीं दी जाएगी।