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हनुमानजी का ऐसा पहला मंदिर, जहां का प्रसाद ना खाते-ना ही घर ला सकते

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प्रसाद घर ले जाना सख्त मना

श्री हनुमानजी महाराज का आज जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम से देशभर में मनाया जा रहा है। इसी मौके पर जानिए एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां का प्रसाद घर ले जाना सख्त मना है।

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विश्व भर में विख्यात है मेंहदीपुर बालाजी

दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के दौसा जिले में स्थित हनुमान जी के मंदिर की। जो मेंहदीपुर बालाजी के नाम से विश्व में विख्यात है।

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मेंहदीपुर बालाजी में हर कदम पर रहस्य

मेंहदीपुर बालाजी हनुमान मंदिर में हर कदम पर रहस्य हैं। यहां पर भूत-प्रेत और उपरी हवाओं का इलाज कराने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं।

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मेंहदीपुर बालाजी देश का इकलौता ऐसा मंदिर

मेंहदीपुर बालाजी देश का इकलौता ऐसा मंदिर जहां का प्रसाद न तो खा सकते ना घर ले जा सकते हैं। प्रसाद मिलता जरूर है लेकिन लोग उसे खाते नहीं हैं।

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शुओं या चीटियों को खिलाते हैं प्रसाद

इस प्रसाद को लोग इसलिए नहीं खाते क्योंकि प्रसाद से प्रेत बाधा का भय रहता है। इसलिए प्रसाद को आदर पूर्वक पशुओं या चीटियों को खिला दिया जाता है।

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हनुमान जी छाती से निकल रहा है पसीना

मेहंदीपुर बालाजी के और रहस्यों की बात की जाए तो उनकी छाती पर बाई तरफ एक छेद है जिसमें से पानी बहता रहता है। भक्त इसे हनुमान जी का पसीना मानते हैं।

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मेंहदीपुर बालाजी के भक्त रखे ध्यान...

कहा जाता है कि मेंहदीपुर बालाजी आने वाले हर भक्त को करीब एक सप्ताह पहले लहसुन, प्याज, मासांहार भोजन और शराब छोड़नी पडती है।

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