सरकारी भर्ती परीक्षाओं में फिजिकल टेस्ट के दौरान महिलाओं की छाती की माप नापने को लेकर हाईकोर्ट की जोधपुर बैंच ने बड़ा फैसला दिया है।
दरअसल, हाईकोर्ट ने वन विभाग में वन रक्षक भर्ती में इस तरह से महिलाओं की माप करने को लेकर फैसला सुनाया है। महिलाओं की इस तरह से माप लेने की कड़ी निंदा की है।
जज दिनेश मेहता की एकलपीठ ने इस मामले में राजस्थान सरकार के चीफ सेकैट्री, वन सचिव और कार्मिक विभाग को वैक्लिपक तरीके काम में लेने के लिए निर्देश दिए हैं।
भर्ती परीक्षाओं में फिजिकल के दौरान फेफड़ों की क्षमता की जांच लेने के लिए महिलाओं और पुरुषों की छाती की नाप ली जाती है। महिलाओं में इस तरह से नाप लेने में उन्हें असहज महसूस होता है।
वन रक्षक भर्ती परीक्षा में फिजिकल पास करने के बाद भी छाती मापदंड करने के पैमाने पर तीन अभ्यर्थियों को अयोग्य कर दिया गया था, तो उन्होनें इसे लेकर कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का दखल नहीं दिया है लेकिन महिला अभ्यर्थियों की छाती माप को लेकर फिर से सोचने को कहा है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत प्रदत्तए महिला की गरिमा और निजता के हक पर हमला है।