उदयपुर में अरावली की पहाड़ी पर ईडाणा माता का चमत्कारिक मंदिर है। यहां माता माह में दो से तीन बार स्वयं ही अग्नि स्नान करती हैं। कुछ देर में आग अपने आप ही शांत भी हो जाती है।
ईडाणा माता के मंदिर में अचानक ही करीब 15 पीट ऊंची लपटें उठने लगती हैं। मंदिर चढ़ाई गई चुनरी, माला फूल, मां का शृंगार तक भस्म हो जाता है लेकिन उनकी प्रतिमा को कुछ नहीं होता।
ईडाणा माता के अग्नि स्नान का कोई तय समय नहीं रहता है। मां के अग्नि स्नान का दर्शन करने वाले खुद को बहुत ही भाग्यशाली मानते हैं।
ईडाणा माता का मंदिर 5 हजार साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर पर ऊपर कोई छत नहीं है और यह पहाड़ी पर स्थित है।
मान्यता है कि ईडाणा माता भक्तों की सभी मुराद पूरी करती हैं। नवरात्रि में मां के दरबार में बड़ी संख्या में भक्तों का जमावड़ा लगता है।
ईडाणा माता सूनी गोद भी भर देती हैं। यहां दंपती संतान प्राप्ति का आशीर्वाद लेने आते हैं।
ईडाणा माता के मंदिर में लकवा ग्रस्त मरीजों की भीड़ लगती है। मान्यता है कि लकवा ग्रस्त मरीज मां के दर्शन-पूजन कर लेता है तो उसकी बीमारी ठीक हो जाती है।
ईडाणा माता के यहां भक्त अपनी प्रार्थना लेकर आते हैं और मुराद पूरी होने पर वे मंदिर में त्रिशूल चढ़ाते हैं। मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त त्रिशूल चढ़ाते हैं।